संविधान सभा की मांग भारत में संविधान सभा के गठन का विचार १९३४ में पहली बार एम एन रॉय ने रखा था और १९३५ में कांग्रेस ने पहली बार भारत के संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा के गठन की मांग की। और जवाहरलाल नेहरू ने १९३८ में घोषणा की के भारत के संविधान का निर्माण व्यस्क मताधिकार के आधार पर चुनी गयी संविधान सभा द्वारा होगा।जिसे ब्रिटिश सरकार ने स्वीकार कर लिया और १९४० में अगस्त प्रस्ताव की घोषणा की और १९४२ में संविधान निर्माण हेतु ब्रिटिश प्रस्ताव लेकर क्रिप्स भारत आये।
संविधान सभा का गठन -संविधान सभा का गठन नवंबर 1946 में हुआ जिसकी प्रमुख विशेस्ताएं इस प्रकार हैं
विषेशताएं -संविधान सभा के लिए चुनाव अगस्त 1946 में हुआ जिसमे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 208 सीट ,मुस्लिम लीग को 73 तथा छोटे समूहों को 15 सीटें मिली लेकिन देसी रियासतों ने खुद को संविधान सभा से अलग रखा। हलाकि संविधान सभा का चुनाव व्यस्क मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से नहीं हुआ लेकिन इसमें प्रत्येक समुदाय को जगह मिली और महिलाओं को शामिल किया गया।
संविधान सभा की कार्यप्रणाली -सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई जिसका बहिस्कार मुस्लिम लगे के द्वारा किया गया इसलिए बैठक में 211 सदस्यों ने हिस्सा लिया सभा के बरिष्ठ सदस्य डॉक्टर सचिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया.बाद में राजेंद्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष चुना गया और डॉक्टर एच सी मुखर्जी तथा वी टी कृष्णामचारी को उपाध्यक्ष चुना गया।
उद्देश्य प्रस्ताव -13 दिसंबर 1946 को नेहरू द्वारा पेस किया गया जिसमे भारतीय संविधान की संरचना और ढांचे की झलक थी।
प्रारूप सिमित -संविधान सभा की सभी सिमितियों में सबसे महत्वपूर्ण सिमित थी जिसका गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था जिसे नए संविधान के प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी दी गयी थी जिसमे सात सदस्य थे भीम राव अम्बेडकर (अध्यक्ष),एन गोपालस्वामी आयंगर,अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर,डॉक्टर के एम मुंसी,सय्यद मुहम्मद सदुल्ला,एन माधव राव,टी टी कृष्णामचारी पहला प्रारूप फ़रवरी 1948 में प्रकासित किया गया।
आंबेडकर ने 4 नवंबर 1948 को संविधान का अंतिम प्रारूप पेश किया गया और 26 नवंबर 1949 को संविधान प्रस्ताव पारित हो गया जिसमे 395 अनुच्छेद और 8 अनसूचियाँ थी।
नोट -मई 1949 में भारत राष्ट्रमंडल का सदस्य बना ,22 जुलाई 1947 राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया ,24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत को अपनाया गया और इसी तारिक़ को राजेंद्र प्रसाद को भारत के राष्ट्रपति के में चुना गया।
हांथी को प्रतीक के रूप में संविधान सभा द्वारा अपनाया गया ,सर बी एन राव को संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया।
हांथी को प्रतीक के रूप में संविधान सभा द्वारा अपनाया गया ,सर बी एन राव को संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया।
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