उप राष्ट्रपति -देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है जोकि अमेरिका से लिया गया है।
निर्वाचन -राष्ट्रपति की तरह उप राष्ट्रपति को भी जनता द्वारा सीधे नहीं चुना जाता बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से दोनों सदनों के निर्वाचक मंडल द्वारा चुना जाता है पर यह राष्ट्रपति के निर्वाचन से अलग है -; इसमें संसद के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं ,राज्य विधानसभाओं के सदस्य इसमें शामिल नहीं होते हैं बाकी उप राष्ट्रपति का भी चुनव अनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एकल संक्रमणीय पद्धति द्वारा होता है।
योग्यता -भारत का नागरिक हो,35 की आयु पूरी कर चूका हो ,राजयसभा सदस्य बनने के योग्य हो ,केंद्र,राज्य,एवं स्थानीय संसथान में लाभ के पद पर ना हो नामांकन के लिए उम्मीदवार को कम से कम 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक होने चाहिए और उम्मीदवार केन्द्री बैंक में 15000 रूपए जमानत क रूप में जमा कराएगा।
पद की शर्तें एवं कार्यकाल -संसद के किसी भी सदन का सदस्य न हो एवं राज्य विधायिका के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होना चाहिए और लाभ के पद पर ना हो।
उप राष्ट्रपति का कार्यकाल पदग्रहण से लेकर पांच वर्ष तक का होता है पर वह अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी समय राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंप सकता है उसे हटाने के लिए किसी महाभियोग की आवस्यकता नहीं है उसे राजयसभा द्वारा संकल्प पारित कर पूर्ण बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है और इसे सिर्फ लोकसभा सहमति सिर्फ आवश्यक है। लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव 14 दिन का अग्रिम नोटिस देकर लाया जा सकता है और उप राष्ट्रपति निर्वाचित हो सकता है।
शक्ति एवं कार्य -राजयसभा के सभपति के रूप में कार्य करता है इस मामले में इसकी शक्ति लोकसभा अध्यक्ष के समरूप होती है ,राष्ट्रपति का पैट अगर त्यागपत्र,मृत्यु,निष्कासन,आदि के आधार पर रिक्त होता है तो वह राष्ट्रपति के तौर पर कार्य करता है पर कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में अधिकतम छह महीने तक कार्य कर सकता है , और इस दौरान राजयसभा का सभापति नहीं रहता और सभापतित्व उप सभापति संभालता ै है।
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