पृथ्वी की उत्पत्ति कैसे हुई (How did the earth originate)
पृथ्वी की उत्पत्ति के बारे में कोई एक मत नहीं है क्यूंकि विभिन्न दार्शनिकों एवं इसकी जानकारी रखने वालों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किये हैं जिसमे एक प्रारंभिक एवं लोकप्रिय मत जर्मन दार्शनिक इमैनुअल कांट ने प्रस्तुत किया था जिसे निहारिका परिकल्पना के नाम से जाना जाता था।
आधुनिक सिद्धांत ब्रह्माण्ड के उत्पत्ति के बारे में -
आधुनिक समय में ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के विषय में सर्वमान्य सिद्धांत बिग बैंग का सिद्धांत है जिसे विस्तारित ब्रह्मांड परिकल्पना भी कहा जाता है 1920 में एडविन हब्बल ने प्रमाण दिए की ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है आज से लगभग 13.7 अरब वर्ष पहले बिग बैंग की घटना हुई थी यानि की ब्रह्मांड में बिस्फोट हुआ था जोकि पृथ्वी सहित अन्य ग्रहों के निर्माण का कारण बना और ब्रह्मांड का विस्तार आज भी जारी है।
ग्रहों का निर्माण -
तारे निहारिका के अंदर गैसों के झुंड हैं इन झुंडों में ग्रुत्वकर्षण बल से गैसीय बदल में क्रोड का निर्माण हुआ जिसके चारों ओर गैस एवं धूलकणों की तस्तरी का विकाश हुआ उसके बाद गैसीय बादल का संघनन सुरु हुआ और क्रोड को ढकने वाले पदार्थ छोटे गोलों के रूप में विकसित हुए जोकि आगे जाकर ग्रहों का रूप लेते हैं।
सौरमंडल -
निहारिका को सौरमंडल का जनक माना जाता है और हमारे सौरमंडल में कुल आठ ग्रह हैं हमारे सौरमंडल में सूर्य,तारे, 8 ग्रह 63 उपग्रह हैं साथ में लाखों छुद्र ग्रह,धूमकेतु,और धूलकण मौजूद है। इन आठ ग्रहों को दो भागों में बांटते हैं।
भीतरी ग्रह - बुद्ध,शुक्र,पृथ्वी,मंगल भीतरी ग्रह कहलाते हैं क्यूंकि ये सूर्य एवं छुद्र ग्रहों के पट्टी के बीच स्थित हैं।
बाहरी ग्रह - बृहस्पति,शनि,युरेनस,नेप्चून इनका निर्माण गैस से हुआ है इसलिए ये जोवीयन ग्रह भी कहलाते हैं।
चन्द्रमा -
चन्द्रमा पृथ्वी का एक मात्र प्राकृतिक उपग्रह है जिसकी उत्पति का प्रमुख कारण बिग सप्लाट को बताया जाता है और चन्द्रमा की उत्पत्ति लगभग 4.44 अरब वर्ष पहले हुई।
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